नई दिल्ली, नवम्बर 21 -- रिपोर्ट - कोलकाता स्थित आईसीएमआर सेंटर फॉर एजिंग एंड मेंटल हेल्थ का अध्ययन - कीटनाशकों के लगातार संपर्क में रहने से 19 फीसदी किसान सोचने-समझने की शक्ति खो रहे 808 किसानों के स्वास्थ्य पर किया गया अध्ययन 180 किसानों को विकारों से ग्रस्त पाया गया 50 साल से अधिक आयु के हैं सभी किसान मदन जैड़ा नई दिल्ली। दूसरों का पेट भरने के लिए किसान की कोशिश रहती है कि वे ज्यादा से ज्यादा अनाज पैदा करें। वे फसलों को कीटों से बचाने के लिए रसायनों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन ये रसायन किसानों के लिए ही मुसीबत बन रहे हैं। एक अध्ययन के अनुसार कीटनाशकों के संपर्क में रहने के कारण किसानों की सोचने-समझने की क्षमता खत्म हो रही है। वे अवसाद और गति विकारों की चपेट में भी आ रहे हैं। कोलकाता स्थित आईसीएमआर सेंटर फॉर एजिंग एंड मेंटल हेल्थ ने पूर्...