सहारनपुर, मई 11 -- जहां सेवा है, वहीं सच्चा समर्पण है-इस पंक्ति को सहारनपुर की नर्सों ने न केवल साबित किया है, बल्कि उसे अपने जीवन का मूलमंत्र भी बना लिया है। जिला अस्पताल व महिला अस्पताल में नर्सों की भूमिका सिर्फ एक कर्मचारी की नहीं, बल्कि एक संरक्षक, एक मित्र और एक परिवार के सदस्य की तरह देखने को मिलती है। कोरोना महामारी के समय जब पूरा देश भय के साये में जी रहा था, उस समय सहारनपुर की नर्सों ने हजारों संक्रमित मरीजों को नया जीवन देने का काम किया। खुद की जान की परवाह किए बिना, इन सफेद पोशाक वाली देवियों ने मरीजों के जीवन की रक्षा की। नर्स रूचि कहती है कि, जब लोग एक-दूसरे को छूने से भी डरते थे, तब हम बिना भेदभाव, बिना डरे सेवा में जुटे थे। वो पल हमारे लिए गर्व का था। खास है कि सहारनपुर के जिला अस्पताल में इस समय करीब 80 नर्सें सेवाएं दे र...