संतकबीरनगर, जून 20 -- लाइव के लिए: हिन्दुस्तान टीम, संतकबीरनगर। 1947 में देश के बंटवारे के बाद जिले में छह परिवार शरणार्थी बनकर आए थे और आज शहर के बड़े लोगों में शुमार हैं। आने के बाद से ही अपने संघर्षों के बदौलत जहां खुद को स्थापित किया वहीं जिले के विकास में बड़ा योगदान दे रहे हैं। व्यवसाय, राजनीति, गीत, संगीत सहित सभी क्षेत्र में इन परिवारों के सदस्य योगदान दे रहे हैं। खलीलाबाद शहर में तो सरदार कॉलोनी ही बस गई है। इसके अलावा कई परिवार इस कॉलोनी से बाहर निकलकर भी अपना मकान बनवाकर रह रहे हैं। हालांकि इन परिवार के वरिष्ठ सदस्यों को आज भी बंटवारे के समय का वो मंजर याद है। अपना बसा-बसाया घर छोड़कर निकलना पड़ा था। उसके बाद लंबे संघर्षों और अपने परिश्रम की बदौलत परिवार को आगे बढ़ाया। साथ ही देश, समाज और जनपद के विकास में आगे बढ़कर योगदान दिया...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.