नई दिल्ली। हिन्दुस्तान, मार्च 29 -- दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि खाने के बिल पर सर्विस चार्ज का भुगतान स्वैच्छिक है। रेस्टोरेंट इसे ग्राहकों पर जबरन नहीं लगा सकते। जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने फैसला सुनाते हुए केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) के दिशानिर्देशों को चुनौती देने वाली रेस्टोरेंट्स बॉडी की दो याचिकाओं को खारिज कर दिया। याचिकाओं में होटलों और रेस्टोरेंट को खाने के बिल पर अनिवार्य रूप से सर्विस चार्ज लगाने से रोक दिया गया था। बेंच ने कहा कि खाने के बिल पर सर्विस चार्ज का अनिवार्य संग्रह उपभोक्ताओं के अधिकारों का उल्लंघन और कानून के विपरीत है। ग्राहकों को स्वेच्छा से टिप देने से नहीं रोका जा सकता है। बेंच ने कहा कि खाने के बिल पर सर्विस चार्ज का अनिवार्य संग्रह भ्रामक है, क्योंकि इससे ग्राहकों को यह आभास होता है...