नई दिल्ली, अप्रैल 25 -- न्यूयॉर्क के वील कॉर्नेल मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित एक नए अध्ययन के मुताबिक खाने के कुछ तेलों में लिनोलिक एसिड की मात्रा अधिक होती है, जो स्तन कैंसर की कोशिकाओं में वृद्धि के कारक हो सकते हैं। इस तेल का अधिक सेवन करने के बाद चूहों में कैंसर के गांठ पाए गए और उनकी वृद्धि भी अपेक्षाकृत तेज रही। इस अध्ययन में शामिल कैंसर विशेषज्ञ प्रोफेसर जस्टिन स्टेबिंग ने बताया, 'कई बीज से उत्पन्न तेल जैसे सोयाबीन, सूरजमुखी और कॉर्न में लिनोलिक अम्ल की मात्रा अधिक होती है। इन तेलों का नियमित और अधिक सेवन करने पर कैंसर के कारक में बढ़ोतरी देखी गई।' डेली मेल में प्रकाशित इस खबर के मुताबिक ऑलिव और सरसों के तेल में इस एसिड की मात्रा कम होती है। इस समय दुनिया भर में खाने के तेल को लेकर तरह-तरह के अध्ययन चल रहे हैं। अब तक के अध्ययन में ते...