बरेली, अक्टूबर 27 -- सूर्य और छठ मइया की उपासना के महापर्व के दूसरे दिन महिलाओं ने तड़के स्नान कर खरना व्रत शुरू किया। दिन भर निर्जला व्रत रखने के बाद शाम को चूल्हे पर साठी के चावल और गुड़ की खीर बनाई। इसे पूरे परिवार के साथ केले के पत्ते पर रखकर ग्रहण किया। इसके साथ 36 घंटे का निर्जला महाव्रत शुरू हो गया। हमहूं अरघिया देबै हे छठि मइया... हम न जाइब दूसर घाट देखब हे छठि मइया... रविवार शाम को रामगंगा, देवरनियां नदी, इज्जतनगर व विश्वविद्यालय कैंपस स्थित मंदिर में बनाए गए कृत्रिम सरोवर के किनारे यह गीत गूंजा तो ऐसा लगा जैसे सचमुच में बिहार की छटा उतर आई हो। यहां पूरा का पूरा परिवार छठ माई की वेदी सजाने के लिए पहुंचा हुआ था। रोशनी से जगमगाते सरोवर किनारे परिवार के साथ वेदी सजा रहीं महिलाएं एक साथ गुनगुना रहीं थीं। लिहीं न अरघिया हे मइया, दिही ...
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