नई दिल्ली, अक्टूबर 27 -- नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता। लोक आस्था और सूर्य की उपासना के महापर्व छठ के दूसरे दिन व्रतधारियों ने श्रद्धा के साथ खरना का प्रसाद ग्रहण किया। इसके साथ 36 घंटे का कठिन निर्जला व्रत प्रारंभ हो गया। व्रत करने वाली महिलाओं ने शाम को गुड़ से बनी खीर का प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान व्रतधारियों ने शाम को मिट्टी के चूल्हे पर चावल व गुड़ का रसियाव-रोटी बनाई। वहीं, केला व अन्य फलों के साथ पहले छठी मइया को भोग लगाया। उसके बाद स्वयं प्रसाद ग्रहण किया। फिर प्रसाद को परिवार के सदस्यों के साथ ही आस-पड़ोस के लोगों में वितरित किया। खरना के अगले दिन सोमवार को भोर से ही घरों में छठ का महाप्रसाद पूड़ी, ठेकुआ, खजूर और अन्य पकवान बनाए जाएंगे। इसके साथ ही अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। जबकि मंगलवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दे...