लोहरदगा, अक्टूबर 27 -- लोहरदगा, संवाददाता।लोहरदगा जिले के लगभग डेढ़ सौ स्थानों पर इस बार करीब पन्द्रह हजार छठ व्रतियों के द्वारा सूर्य को अर्घ्यदान किया जायेगा। सनातन धर्मावलंबियों के लिए यह प्रकृति और वैदिक पर्व है। व्रतियां छठ पर्व नेम-नियम, स्वच्छता, आरोग्य और संतानों की स्वास्थ्य की कामना के लिए करतीं हैं। इस की पर्व की खास बात यह है, कि इसमें न कोई विशेष मंत्र की आवश्यकता है और न ही पुरोहित की। सागर की गहराइयों से भी अधिक आस्था व्रतियों में होती है। इस पर्व को महिलाएं बड़ी संख्या में करती हैं। पुरुष भी छठ व्रत करते हैं, पर इनकी संख्या कम होती है। लोहरदगा में छठ का इतिहास काफी पुराना है। लगभग 60 साल पहले लोहरदगा श्रीराम मंदिर फुलवारी तालाब में इक्का-दुक्का महिलाएं ही छठ करतीं थीं। अब इस तालाब में छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं की काफी भीड...