गिरडीह, दिसम्बर 25 -- अजय भंडारी पीरटांड़, प्रतिनिधि। सम्मेदशिखर पारसनाथ आनेवाले तीर्थयात्रियों को डोली के सहारे कंधे में ढोकर पर्वत की यात्रा करानेवाले डोली मजदूरों की परेशानी बढ़ गई है। कड़ाके की ठंड में हजारों डोली मजदूर सड़क किनारे रात बिताने को मजबूर हैं। इस हाड़कंपाती ठंड में डोली मजदूरों की रात खुले आसमान के नीचे कट रही है। कठिन परिश्रम के बाद मुकम्मल व्यवस्था नहीं मिलने से डोली मजदूर परेशान हैं। ज्ञात रहे कि डोली मजदूरों की समस्या से संस्था से लेकर प्रशासन इत्तेफाक नही रखती है। बताया जाता है कि जैन धर्म के चौबीस में से बीस तीर्थंकरों की निर्वाणभूमि सिद्धक्षेत्र सम्मेदशिखर पारसनाथ जैन अनुयाइयों के लिए आस्था का केंद्र है। सम्मेदशिखर की यात्रा दर्शन वंदन के लिए सालोंभर तीर्थयात्रियों का आना जाना लगा रहता है। पहाड़ की 27 किलोमीटर की कठिन या...
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