मुजफ्फरपुर, जुलाई 6 -- शहादत दिवस: - 12 साल पहले वारिस अली के नाम पर सड़क का प्रस्ताव हुआ था पास - अब तक एक शिलापट्ट तक नहीं लगा, छलका शहरवासियों का दर्द - साहित्यकार-संस्कृति कर्मियों ने की लाइब्रेरी व स्मारक बनाने की मांग मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। शहीद वारिस अली...। जिनकी शहादत के चर्चे देश भर में रहे, उनकी उपेक्षा उनके अपने ही जिले में हो रही है। उनके नाम पर पास हुए सड़क का आज तक नामकरण तो दूर 12 साल में एक शिलापट्ट तक नहीं लग सका। रविवार को शहादत दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में जिले के साहित्यकारों-संस्कृतिकर्मियों की पीड़ा इसी रूप में उभर कर सामने आई। संस्कृति मंत्रालय और इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टोरिकल रिसर्च ने देश के शहीदों की सूची में तिरहुत क्षेत्र के शहीदों में वारिस अली का नाम पहले नंबर पर रखा गया। प्रथम शहीद वारिस अली के शहादत ...