मुजफ्फर नगर, सितम्बर 8 -- आठ सितंबर से शुरू हुए जैन धर्म के दशलक्षण पर्व का रविवार को क्षमावाणी दिवस मनाकर एक दूसरे से क्षमा मांगकर दशलक्षण पर्व का समापन हुआ। आध्यात्मिक शुद्धि और मानसिक शांति का एक अनूठा अवसर है। क्षमावाणी का मुख्य उद्देश्य अपनी गलतियों, अहंकार और द्वेष को पहचानना और उनसे मुक्ति पाना है। यह पर्व व्यक्ति को आत्म-शुद्धि का अवसर प्रदान करता है। दस दिनों तक चलने वाले दशलक्षण पर्व के अंतिम दिन रविवार को जैन समाज द्वारा सभी अपने छोटों से बड़ों तथा एक-दूसरे से पूरे वर्ष जाने अंजाने में की गई गलतियों की क्षमा याचना की। श्री दिगम्बर जैन मंदिर अतिशय क्षेत्र वहलना में क्षमावाणी पर्व पर श्री जी का प्रथम अभिषेक व शांतिधारा करने का सौभाग्य गौरव जैन व वैभव जैन को सौभाग्य प्राप्त हुआ। वहलना जैन मंदिर में पूजन के बाद सभी श्रावकों ने एक दू...