प्रयागराज, जुलाई 31 -- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि छोटे-छोटे और क्षणिक आवेश में लिए गए फैसलों के कारण की जाने वाली आपराधिक शिकायतों से विवाह जैसी संस्थाएं कमजोर पड़ रही हैं। कोर्ट ने कहा कि बिना उचित विचार-विमर्श के की गईं ऐसी शिकायतें न केवल शिकायतकर्ता और आरोपी बल्कि उनके निकट संबंधियों के लिए भी असहनीय उत्पीड़न और पीड़ा का कारण बनती हैं। इसका विवाह की संस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। शारिक मियां और तीन अन्य की याचिका निस्तारित करते हुए न्यायमूर्ति विक्रम डी. चौहान ने यह टिप्पणी की। याचिका में मुकदमे की कार्यवाही रद्द करने की मांग की गई थी। सहारनपुर के महिला थाना में याची की पत्नी ने दहेज उत्पीड़न सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। याची पति, ननद और भाभियां हैं। सभी की ओर हाईकोर्ट में मुकदमे की संपूर्ण कार्यवाही को रद्द कर...