आगरा, अप्रैल 13 -- कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) का क्विक कॉमर्स विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन 22 अप्रैल को नई दिल्ली में होगा। महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल के अनुसार क्विक कॉमर्स के नाम पर 10 मिनट की डिलीवरी का मॉडल व्यापारिक नैतिकता और काम करने वालों के स्वास्थ्य पर सवाल खड़े करता है। इससे देश की पारंपरिक खुदरा व्यापार व्यवस्था के अस्तित्व पर भी खतरा उत्पन्न होता है। भारत में इसकी जरूरत नहीं। यहां पहले से पारंपरिक किराना दुकानों का एक मजबूत एवं विश्वसनीय मॉडल है। यह देश की माइक्रो अर्थवयवस्था की दृष्टि से भी अहम है। 10 मिनट की डिलीवरी प्रणाली छोटे दुकानदारों को कमजोर करती है। डिलीवरी कर्मचारियों पर मानसिक और शारीरिक रूप से अत्यधिक दबाव डालती है।
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