अलीगढ़, दिसम्बर 20 -- (सवालों में अस्पताल) अलीगढ़, वरिष्ठ संवाददाता। शहर से लेकर देहात तक कई क्लीनिकों में इलाज की तस्वीर चिंताजनक होती जा रही है। यहां मरीज डॉक्टर के भरोसे नहीं, बल्कि तथाकथित कंपाउंडरों के हाथों इलाज कराने को मजबूर हैं। इंजेक्शन, ड्रिप और दवाओं का पूरा जिम्मा ऐसे लोगों को सौंपा जा रहा है, जिनके पास न कोई मान्य डिग्री है और न ही तय योग्यता। डॉक्टर अधिकांश समय 'ऑनकॉल' रहते हैं। जरूरत पड़ने पर फोन पर निर्देश दे देते हैं। मरीजों को बताया जाता है कि इलाज डॉक्टर की निगरानी में हो रहा है, जबकि हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। कई क्लीनिकों में इलाज अब अनुभव और डिग्री से नहीं, बल्कि प्रयोग के आधार पर होता दिख रहा है। लोधा, गंगीरी, विजयगढ़, मडराक जैसे छोटे कस्बों में तो हालात और भी गंभीर हैं। यहां कंपाउंडर ही डॉक्टर बन बैठे हैं। मरीज जब ...