ओमप्रकाश सती, दिसम्बर 30 -- उत्तराखंड में बारिश-बर्फबारी न होने से भालुओं की शीतनिद्रा का चक्र बिगड़ गया है। इस साल अब तक भालुओं की नींद के करीब 60 दिन कम हो गए हैं। नवंबर में शीतनिद्रा में जाने वाले इस जानवर ने अभी तक पहाड़ों पर लोगों की नींद उड़ा रखी है। भालुओं के बिगड़े निद्राचक्र ने वन विभाग को भी चिंता में डाल दिया है। भालू अब तक सोने क्यों नहीं गए ये जानने के लिए अब विभाग उनकी गुफाओं को लेकर अध्ययन करेगा। हिमालयी क्षेत्र में पाए जाने वाले भालू सामान्य तौर पर करीब 120 दिन नींद लेते हैं। ये वक्त सर्दियों में नवंबर-दिसंबर से शुरू होकर फरवरी-मार्च तक होता। लेकिन इस बार भालुओं की पारंपरिक गुफाएं अभी तक खाली पड़ी हैं। कई गुफाएं अगस्त में आई आपदा के कारण खत्म हो चुकी हैं और कई वासस्थलों में मलबा घुस गया। यह भी पढ़ें- स्कूल का दरवाजा तोड़ उ...