लखनऊ, दिसम्बर 11 -- लखनऊ, प्रमुख संवाददाता धान खरीद केन्द्रों पर धान बेचने के लिए इस बार किसानों को भारी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। घंटे भर के काम में कई दिन जाया हो रहा है। आलम यह है कि पूर्व के वर्षों में पंजियन से लेकर सत्यापन तक की प्रक्रिया में अधिकतम 24 घंटे लगते थे, अब इसमें 8 से 10 दिन तक लग जा रहे हैं। इसी प्रकार से अबकि धान खरीद में क्रय केन्द्रों पर आयरिश स्कैनिंग ई-पॉप मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है जो बेहद धीमी गति से संचालित हो रही है। इससे एक किसान को धान बेचने में एक से दो घंटे तक लग रहे हैं। इसके अलावा किसानों के अंश निर्धारण की नई व्यवस्था के कारण भी धान खरीद पर ग्रहण लग रहा है। धान बेचने के लिए किसानों को क्रय केन्द्र पर पहुंचने के बाद कई जटिल प्रक्रियाओं से दो-चार होना पड़ता है। रजिस्ट्रेशन (पंजियन) के लिए सबसे पहले के...