नई दिल्ली, सितम्बर 8 -- तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगान पर इन दिनों बड़े आरोप लग रहे हैं। आरोप हैं कि एर्दोगान और उनकी सरकार देश की मुख्य विपक्षी पार्टी, रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी (CHP) को कमजोर करने के लिए न्यायपालिका का इस्तेमाल कर रही है। इन सब की जड़ में अदालत का एक फैसला है जिसकी वजह से इस्तांबुल में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। अब हालात बेकाबू हो रहे हैं और लगभग पूरे देश में इंटरनेट प्रतिबंधित कर दिया गया है। दरअसल तुर्की में यह बवाल तब शुरू हुआ जब इस्तांबुल की एक अदालत ने बीते सप्ताह फैसले में शहर में CHP की 2023 की जीत को रद्द कर दिया। फैसले में पार्टी के आंतरिक चुनावों के दौरान अनियमितताओं का हवाला दिया गया जिसमें प्रतिनिधियों के चयन को प्रभावित करने के लिए पैसे लेने के आरोप भी शामिल थे। अदालत का यह फैसला...