नई दिल्ली, अगस्त 24 -- हर साल 26 जनवरी को जब दिल्ली के कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की परेड होती है, तो राष्ट्रपति के पीछे घोड़ों पर सवार चमचमाती वर्दी में उनके अंगरक्षक सबका ध्यान खींच लेते हैं। इन्हें ही प्रेसिडेंट बॉडीगार्ड (PBG) कहा जाता है। यह सिर्फ एक सुरक्षा बल नहीं, बल्कि भारतीय सेना की सबसे पुरानी और विशिष्ट घुड़सवार रेजिमेंट है, जिसका इतिहास बेहद खास है।क्या है PBG का इतिहास राष्ट्रपति के अंगरक्षक बल की नींव 1773 में बनारस के राजा चेत सिंह ने रखी थी, जब उन्होंने 50 घोड़े और 50 सैनिक दिए थे। आजादी के बाद 1947 में यह रेजिमेंट दो हिस्सों में बंट गई, कुछ सैनिक भारत के गवर्नर जनरल (बाद में राष्ट्रपति) के अंगरक्षक बने, जबकि बाकी पाकिस्तान भेजे गए। 1950 में इसे आधिकारिक तौर पर राष्ट्रपति का अंगरक्षक (PBG) नाम मिला और तब से अब तक यह अपनी ...