एएनआई, जुलाई 21 -- संसद ने सोमवार को भारत के समुद्री व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 'बिल ऑफ लैडिंग 2025' बिल को राज्यसभा में पास कर दिया है। यह बिल अब राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार कर रहा है। यह 1856 में बना 169 साल पुराना औपनिवेशिक 'इंडियन बिल ऑफ लैडिंग एक्ट' बदलकर एक आधुनिक, सरल और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप कानून पेश करेगा।बिल ऑफ लैडिंग क्या है? बिल ऑफ लैडिंग एक ऐसा दस्तावेज है, जो शिपिंग कंपनी द्वारा शिपर को दिया जाता है और यह माल के होने, उसके स्वामित्व तथा गंतव्य की जानकारी देता है। यह दस्तावेज समुद्री व्यापार में माल की आपूर्ति, रखरखाव और स्वामित्व के प्रमाण के रूप में कार्य करता है। पुराने कानून में शब्दावली जटिल एवं अस्पष्ट थी, जिससे व्यापार में विवाद और कानूनी जटिलताएं बढ़ती थीं। भारत के समुद्री व्यापार के विस्त...