दिल्ली, मई 25 -- शहरों में आपको नजर नहीं आते, लेकिन आपके घर तक सब कुछ पहुंचाने का सारा जादू इन्हीं से होता है.क्विक कॉमर्स की दुनिया इन्हीं डार्क स्टोर्स के दम पर चल रही है.मुंबई की धड़कती हुई गलियों में, जहां भीषण गर्मी और ट्रैफिक हर किसी की परेशानी है, वहीं एक पुरानी परंपरा आज भी जिंदा है, डिब्बेवालों की.ये वे लोग हैं जो सालों से साइकिल या पैदल चलकर ऑफिसों तक घर का बना खाना पहुंचाते आ रहे हैं.लेकिन अब इस परंपरा को टेक्नोलॉजी की मदद से एक नया रूप मिल गया है.भारत के बड़े शहरों में अब ऐसे ऐप्स छा गए हैं जो न सिर्फ खाने-पीने की चीजें, बल्कि कपड़े, गैजेट्स और मोबाइल फोन तक मिनटों में आपके घर पहुंचा रहे हैं.इन्हें कहा जा रहा है, क्विक कॉमर्स ऐप्स.और ये सिर्फ एमेजॉन जैसे ई-कॉमर्स दिग्गजों को चुनौती नहीं दे रहे, बल्कि मोहल्लों की पुरानी किराना ...