शिमला, जून 17 -- हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला देते हुए केंद्र सरकार को एक मृत BSF सैनिक की 83 साल की मां को पारिवारिक पेंशन देने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार से यह भी कहा कि विधवा के पुनर्विवाह के बाद मृतक के माता-पिता को पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र माना जाए। अदालत ने बुजुर्ग महिला को केस दायर करने के तीन साल पहले से पेंशन देने का निर्देश दिया है। यह केस एक ऐसे दिवंगत सैनिक के माता-पिता ने दायर किया था, जिनके बेटे की मृत्यु साल 1985 में शादी के 10 दिन बाद ही रहस्यमयी परिस्थितियों में हो गई थी। बेटे की मौत के बाद बहू को पेंशन मिलती रही, लेकिन पांच साल बाद 1990 में जब उसने दूसरी शादी कर ली तो पेंशन मिलना बंद हो गई। इसके बाद से ही सैनिक के माता-पिता पारिवारिक पेंशन पाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे। कोर...
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