दिल्ली, अगस्त 30 -- भारत में दहेज के लालच में निक्की भाटी को कथित रूप से जलाकर मार डाला गया.भारत में दहेज हत्या का यह पहला मामला नहीं है.लेकिन भारत में हाल के कुछ समय में महिलाओं द्वारा दहेज के कानून के गलत इस्तेमाल पर बहस भी तेज हुई है.1914 का कोलकाता, 29 जनवरी की एक दोपहर स्नेहलता मुखोपाध्याय नाम की एक 15-16 साल की लड़की ने खुद को आग के हवाले कर दिया था.उसने ऐसा इसलिए किया था क्योंकि उनके पिता उसके दहेज के लिए जरूरी पैसा और सामान जोड़ने में हलकान हो रहे थे.आजादी से पहले के भारत में स्नेहलता की आत्महत्या ने दहेज के मुद्दे पर एक चर्चा जरूर शुरू की.हालांकि, भारत में दहेज विरोधी कानून आजादी के करीब दो दशक बाद, 1961 में लागू किया गया था.कानून लागू होने के बावजूद भारत में दहेज के कारण होने वाली महिलाओं की हत्या और शोषण में सुधार नहीं नजर नहीं...
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