नई दिल्ली, जुलाई 10 -- आज गुरु पूर्णिया है। देश भर में इसे आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। वाराणसी, गोरखपुर, मथुरा-वृंदावन में गुरुओं के आश्रम में भक्तों की भारी भीड़ जुटी हुई है। जिन लोगों ने किसी को अपना गुरु बनाया है, वह तो यहां आए ही हैं, बड़ी तादाद में ऐसे लोग भी पहुंचे हैं जिन लोगों ने दीक्षा नहीं ली है। ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठता है कि क्या गुरु बनाना ज़रूरी है? गुरु कैसे चुनें? अगर पहले से गुरु हैं तो उन्हें बदल सकते हैं? इन्हीं सवालों का जवाब गुरु पूर्णिमा के पावन मौके पर वृंदावन के संत प्रेमानंद जी महाराज ने अपने एक्स हैंडल पर दिया है। प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि किसी से प्रभावित होकर उसे गुरु नहीं बनाना चाहिए। गुण, रूप, विद्वत्ता देखकर या प्रवचन सुनकर भी गुरु नहीं बनाना चाहिए। सबसे पहले भगवान को गुरु रूप में स...