संवाददाता, जून 25 -- समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इटावा में भागवताचार्यों के साथ हुई अभद्रता को सोची समझी साजिश बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा कानून लेकर आए कि भागवत कथा कहने का एकाधिकार किसका है? कौन भागवत कथा कह सकता है? उन्होंने कहा कि क्या भागवत कथा सुनाने पर किसी के बाल और चोटी काट दोगे। चोटी तो सम्मान का प्रतीक कही जाती है। भाजपा एक तरफ विकसित भारत और विश्व गुरु बनने का सपना दिखा रही है, दूसरी तरफ इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। कोई कुछ कहता है तो उसे सनातन विरोधी मान लिया जाता है। भगवान को जातियों में बांटने का काम किया जा रहा है, यह उचित नहीं है। पूर्व सांसद छोटे सिंह यादव के तेरहवीं संस्कार में आए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जो वर्चस्ववादी शोषण करने वाले लोग हैं, उनकी समाज में कोई जगह नहीं ...