पूर्णिया, दिसम्बर 22 -- पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। कुलपति डॉ. डी. आर. सिंह के निर्देश में तथा निदेशक अनुसंधान बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर भागलपुर के नेतृत्व में महाविद्यालय में कई वर्षों से चल रहे शोध के उपरांत मखाना हार्वेस्टिंग बुहराई मशीन विकसित किया गया। इसका विधिवत सफल परीक्षण महाविद्यालय प्रक्षेत्र में किया गया। यह मशीन विकसित होने से अब कम समय, कम लागत एवं कम श्रमिक की आवश्यकता होगी। पारंपरिक विधि की तुलना में एक बार में ही अधिक से अधिक बीज निकाला जा सकता है। जबकि पारंपरिक विधि से दो से तीन बार में बीज निकालना पड़ता है। कुलपति डॉ. सिंह ने कहा कि कम लागत वाली मशीन मखाना किसानों के लिए काफी उपयोगी एवं आर्थिक वृद्धि में मददगार साबित होगी तथा उम्मीद है कि इससे मखाना विकास के क्षेत्र में अहम भूमिका निभायेगी। इस मशीन को तैयार करन...