भागलपुर, मई 19 -- त्रिवेणीगंज। डिजिटल युग में कंप्यूटर का ज्ञान किसी भी छात्र के भविष्य निर्माण के लिए अनिवार्य हो गया है। सरकार और निजी संस्थाओं द्वारा कंप्यूटर प्रशिक्षण कार्यक्रम तो चलाए जा रहे हैं लेकिन वास्तविकता यह है कि इन कार्यक्रमों में गुणवत्ता की भारी कमी है। थ्योरी आधारित पढ़ाई से छात्रों को प्रमाण पत्र तो मिल जाता है लेकिन जब बात व्यवहारिक ज्ञान या रोजगार पाने की आती है तो वह खुद को असहाय पाते हैं। छात्रों की मांग है कि केवल प्रशिक्षण देकर जिम्मेदारी पूरी नहीं मानी जाए, बल्कि रोजगार के अवसर भी सुनिश्चित किया जाए। साथ ही कंप्यूटर शिक्षा को स्कूल स्तर से ही मजबूत किया जाए और पाठ्यक्रम को समय के साथ अद्यतन किया जाए।

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