वाराणसी, अक्टूबर 11 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। प्रो. कौशल किशोर मिश्र बनारस की आत्मा और एकात्म मानववाद के जीवंत प्रतीक थे। वह केवल राजनीति शास्त्र के आचार्य नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपरा और नैतिकता के संवाहक थे। 'कौशल गुरु के रूप में वे हमेशा मित्रों के मित्र, सरल, विनम्र और मस्तमौला रहे। ये बातें मेयर अशोक तिवारी ने कहीं। वह बीएचयू के सामाजिक विज्ञान संकाय एवं अनिल कुमार मिश्र 'झुन्ना फाउंडेशन की ओर से शुक्रवार को आयोजित प्रो.कौशल किशोर मिश्र स्मृति समारोह में अतिथि थे। आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. दयाशंकर मिश्र 'दयालु ने कहा कि उनका जीवन सरलता, सहजता और सच्ची बनारसी आत्मा का प्रतीक था। प्रो. मिश्र वास्तव में एक ऐसे 'कौशल थे जिन्होंने ज्ञान को व्यवहार और संस्कार से जोड़कर जीवन को अर्थपूर्ण बनाया। अध्यक्षता करते हुए संका...