नई दिल्ली, मई 24 -- मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को वरिष्ठ IAS अधिकारी अंशुल मिश्रा को अदालत की अवमानना का दोषी ठहराते हुए एक महीने की साधारण कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उन्हें आदेश न मानने और अदालत की अवहेलना के लिए जिम्मेदार ठहराया। साथ ही कोर्ट ने उनके वेतन से याचिकाकर्ताओं को 25,000 रुपये का मुआवज़ा देने का भी निर्देश दिया है। हालांकि, कोर्ट ने सजा पर 30 दिन की राहत दी है ताकि अधिकारी अपील कर सकें। यह मामला वर्ष 1983 से जुड़ा है, जब तमिलनाडु हाउसिंग बोर्ड (TNHB) ने चेन्नई के एक इलाके में याचिकाकर्ता भाई-बहन आर. ललितांबाई और के.एस. विश्वनाथन की 17 सेंट (लगभग 7400 वर्ग फुट) जमीन अधिग्रहित की थी। जमीन पर बहुमंजिला आवास बनाए गए, लेकिन कई दशकों तक वह उपयोग में नहीं लाए गए। याचिकाकर्ताओं ने जमीन के मालिकाना हक की वापसी की मांग करते हुए...