नई दिल्ली, दिसम्बर 3 -- काशी में दो सौ वर्षों में पहली बार शुक्ल यजुर्वेद की माध्यंदिनी शाखा का संपूर्ण एकाकी कंठस्थ दंडक्रम पारायण पूरा हुआ। वेदपाठ की आठ विधाओं में सबसे कठिन माने जाने वाले दंडक्रम पारायण को युवा वेदमूर्ति देवव्रत महेश रेखे घनपाठी ने 50 दिन में पूरा किया। प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने देवव्रत की इस उपलब्धि को जहां सराहा और वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को नमो घाट पर आयोजित काशी तमिल संगमम के मंच पर देवव्रत का सम्मान किया। इससे पहले दो सौ वर्ष पूर्व नासिक के वेदमूर्ति नारायण शास्त्री देव ने दंडक्रम पारायण किया था। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा कि 19 साल के वेदमूर्ति देवव्रत महेश रेखे ने जो किया है, उसे आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी। महाराष्ट्र के अहिल्या नगर के निवासी वेदब्रह्मश्री महेश चंद्...