नई दिल्ली, सितम्बर 16 -- सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को धर्मांतरण विरोधी कानूनों पर रोक लगाने की मांग को लेकर दाखिल याचिकाओं पर उत्तर प्रदेश, झारखंड और उत्तराखंड सहित कई राज्यों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। शीर्ष अदालत ने साफ किया कि राज्यों से जवाब मिलने के बाद ऐसे कानूनों के क्रियान्वयन पर रोक लगाने की मांग पर विचार किया जाएगा। अदालत ने यह सवाल किया आखिर कौन पता लगाएगा कि धर्मांतरण धोखाधड़ी से किया गया है। मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने राज्यों को जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया और याचिकाकर्ताओं को उसके दो सप्ताह बाद प्रत्युत्तर दाखिल करने की अनुमति दी। मामले की सुनवाई छह सप्ताह बाद स्थगित कर दी गई। पीठ ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, ...