पटना, जुलाई 7 -- बिहार के बड़े व्यापारी गोपाल खेमका की हत्या का तीसरा दिन बीत रहा है लेकिन सरकार के मंत्रियों और पुलिस के बड़े दावों के बावजूद बात; सुराग मिल गया है, अपराधियों की पहचान हो गई है, रेड चल रही है, संदिग्धों से पूछताछ चल रही है; से आगे नहीं बढ़ पाई है। हत्या की वजह भी अब तक पहेली है क्योंकि परिवार किसी दुश्मनी या धमकी से इनकार कर रहा है। दिसंबर 2018 में बड़े बेटे और भाजपा नेता गुंजन खेमका की हत्या के बाद गोपाल निश्चिंत हो चुके थे और संभवतः उन्हें अपने ऊपर मंडरा रहे खतरे की भनक तक नहीं थी। नहीं तो इतनी रात तक वो क्लब में नहीं रहते और क्लब आने-जाने की रूटीन नहीं बनाते। सबके मन में यह सवाल है कि आखिर कौन है जो गोपाल खेमका के परिवार के पीछे पड़ा है। लालू यादव के राज में एक भाई आईसीयू से लौटकर आया, जबकि नीतीश कुमार के शासन में बेटे...
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