नई दिल्ली, मई 29 -- भारत विभाजन के दौरान कई ऐसे मुस्लिम नेता थे, जो इस्लाम के नाम पर एक अलग मुल्क बनाने के खिलाफ थे। इनमें सीमा के इस पार अब्दुल कलाम आजाद जैसे लीडर थे तो दूसरी तरफ खान अब्दुल गफ्फार खान थे। वह खैबर पख्तूनख्वा के रहने वाले थे, जो अविभाजित भारत का सीमांत प्रांत था। इसी के चलते अब्दुल गफ्फार को सीमांत गांधी कहा गया था। सीमांत गांधी तो चर्चित थे, लेकिन एक और नाम है, जिनका इतिहास में बहुत कम जिक्र हुआ है। यह नाम है- मिर्जा अली खान का, जिन्हें इपी का फकीर भी कहा जाता है। इपी एक गांव था, जो खैबर पख्तूनख्वा के उत्तरी वजीरिस्तान में स्थित था। मिर्जा अली खान वजीर एक जनजाति नेता थे। वह ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ खैबर पख्तूनख्वा के जनजातीय इलाके में बिगुल फूंकने वाली दमदार शख्सियत थे। उनकी अपनी जनजाति के करीब 10 हजार सशस्त्र जवान थे,...
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