सहरसा, अप्रैल 1 -- सहरसा, निज प्रतिनिधि। कोसी, कुसहा जैसी त्रासदी आई फिर भी सहरसा जिला संवरता गया। उपलब्धि के नाम पर गिनाने को बड़ी रेललाइन, बलुआहा पुल, इंजीनियरिंग, मेडिकल कॉलेज, मॉडल अस्पताल सहित अन्य चीजें हैं। कसक इस बात की है कि सहरसा जिला 72वें साल में प्रवेश कर गया है पर यहां एक अदद ओवरब्रिज, उद्योग धंधे, हवाई अड्डे, डबल लाइन सहित कई जरूरी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। वर्ष 1943 में जब सहरसा उप जिला और एक अप्रैल 1954 को जिला बना था तो उपलब्धि गिनाने के लिए कुछ खास नहीं था। लेकिन 12 जून 2005 को सहरसा-मानसी बड़ी लाइन चालू होने के बाद ट्रेनों के जरिये देश की राजधानी सहित अन्य हिस्से से यह जुड़ा। बलुआहा पुल जब बना तो सड़क मार्ग से सूबे की राजधानी पटना के अलावा दरभंगा, मुजफ्फरपुर सहित अन्य जगहों का सफर सुगम हुआ। बड़े शहरों की तरह मॉल और शॉपिंग कॉ...