धनबाद, मई 1 -- धनबाद, विशेष संवाददाता। कोल सेक्टर में ठेका व असंगठित मजदूरों की फौज खड़ी हो रही है। कोयला खनन में निजी कंपनियों की बढ़ती हिस्सेदारी से हर दिन ठेका मजदूरों की संख्या बढ़ रही है। बात सिर्फ कोल सेक्टर की करें तो 12वें कोयला वेतन समझौते तक कोल इंडिया व अनुषंगी कंपनियों में विभागीय कर्मियों की संख्या घटकर दो लाख से नीचे हो जाएगी। वहीं ठेका मजदूरों की संख्या बढ़ती जा रही है। ठेका मजदूरों के लिए कोई वेतन समझौता नहीं है। एचपीसी वेतनमान भी सभी को नहीं मिलता। सामाजिक सुरक्षा ठेका मजदूरों के लिए बड़ी समस्या है। वर्तमान में कोल कंपनियों में दो लाख 20 हजार कर्मी हैं। वहीं ठेका मजदूरों की संख्या बढ़कर तीन लाख से अधिक हो गई है। आश्चर्य की बात है कि इनमें बमुश्किल एक लाख ही सीएमपीएफ के दायरे यानी सामाजिक सुरक्षा के दायरे में हैं। असंगठित ...