धनबाद, सितम्बर 17 -- धनबाद, मुकेश सिंह निजी खान मालिकों ने कोयला मजदूरों के लिए दुर्गापूजा पर मिठाई के डिब्बे के साथ सवा रुपए की बख्शीश की जो परंपरा शुरू की थी, वही आज बोनस (प्रॉफिट लिंक्ड रिवार्ड) है। बोनस का कोल सेक्टर में खासा आकर्षण है। बोनस का बजट लगभग डेढ़ हजार करोड़ है। दुर्गापूजा पर कोयलांचल में बोनस भुगतान का इंतजार किया जाता है। महीने भर से कयास का दौर शुरू है। कितना मिलेगा, कब तक भुगतान होगा आदि। इंटक नेता एके झा कहते हैं कि निजी मालिकों के दौर में कोलियरियों में काम करने के लिए मजदूर नहीं मिलते थे। खनन को खतरनाक माना जाता था। हादसे भी बहुत होते थे। दुर्गापूजा में मजदूर भाग नहीं जाएं, इसलिए पूजा के ठीक पहले बख्शीश दी जाती थी। बख्शीश के लिए मजदूर रुक जाते थे। यही बख्शीश राष्ट्रीयकरण के बाद बोनस के रूप में भुगतान किया जाने लगा। ज...
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