जमशेदपुर, जुलाई 19 -- कोल्हान प्रमंडल क्षेत्र में इस साल अबतक एक दर्जन से ज्यादा हाथियों की मौत हो चुकी है। इनमें नौ की जान तो जून और जुलाई में ही गई है। यह स्थिति राज्य में वन्यजीव संरक्षण की असफलता और सुरक्षा खतरों की तस्वीर पेश करती है। सबसे चिंताजनक मामला पश्चिमी सिंहभूम के सारंडा जंगल का है, जहां नक्सलियों द्वारा सुरक्षा बलों से बचने के लिए बिछाए गए आईईडी विस्फोट की चपेट में आकर तीन हाथियों की मौत हो चुकी है। 24 जून को दीघा क्षेत्र में छह साल का हाथी गडरू गंभीर रूप से घायल हो गया था। गुजरात की वनतारा की मेडिकल टीम ने ड्रोन की मदद से उसे खोजा और उपचार शुरू किया, लेकिन संक्रमण के कारण उसकी मौत हो गई। इसके अलावा एक मादा हाथी और एक 15 वर्षीय नर हाथी भी विस्फोट में मारे गए। सरायकेला-खरसावां के ईचागढ़ क्षेत्र में दो और हाथियों की मौत हुई ह...