नई दिल्ली, सितम्बर 29 -- सुप्रीम कोर्ट ने दो दशक पुराने एक मोटर दुर्घटना मामले में मुआवजा राशि बढ़ाकर 20-वर्षीय एक युवक के परिवार को 60 लाख रुपये से अधिक मुआवजा दिया। वर्ष 2001 में एक कार की चपेट में आने से युवक पूरी तरह से लकवाग्रस्त और विकलांग हो गया था। बी.कॉम. अंतिम वर्ष का 20-वर्षीय छात्र शरद सिंह दो दशकों तक निष्क्रिय रहा और उसके बाद अंततः 2021 में बीमारी के कारण उसने दम तोड़ दिया। उसकी मां ने कानूनी प्रतिनिधि के रूप में सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की। न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एन. वी. अंजारिया की पीठ ने युवक की मां की अपील स्वीकार कर ली। युवक की ग्रीवा कशेरुका (सी4-सी5, मानव रीढ़ की गर्दन में स्थित सात छोटी, सबसे अधिक गतिशील हड्डियां) में उस वक्त फ्रैक्चर हो गया था, जब एक तेज रफ्तार कार ने उसकी मोटरसाइकिल को टक्कर...