राजेंद्र सिंह, फरवरी 12 -- श्री रामचरित मानस में गोस्वामी तुलसीदास ने प्रयाग माघ महत्ता के संदर्भ में लिखा है कि माघ मकर गति रवि जब होई, तीर्थ पतिहिं आव सब कोई। देव दनुज किन्नर नर श्रेनी, सादर मज्जहिं सकल त्रिवेनी। यानी प्रयाग में माघ मास में देवता, दैत्य, किन्नर और मनुष्य सब आदरपूर्वक त्रिवेणी में स्नान करने आते हैं। इसी चौपाई से प्रेरित होकर दिल्ली का एक परिवार दिवंगत स्वजनों को मोक्ष दिलाने उनकी तस्वीरों को संगम में स्नान कराने आया। दिल्ली निवासी अश्विनी जायसवाल, पत्नी माधुरी गुप्ता, बेटे नक्षत्र व ग्राहिल तथा ससुर वीके गुप्ता व सास कमलेश गुप्ता के साथ महाकुम्भ स्नान के लिए आए थे। वह अपने साथ पांच दिवंगत स्वजनों की तस्वीरें भी लाए थे। नहाते समय सभी एक-एक तस्वीर को संगम में स्नान करा रहे थे। पूछने पर बेटी की तस्वीर को नहला रही वृद्ध कमल...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.