गंगापार, अगस्त 17 -- तहसील क्षेत्र में पिछले जुलाई महीने में एक के बाद एक लगातार तीन दौर में आई बाढ़ के कारण रोपाई की गई धान की सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो गई जिससे किसानों में काफी निराशा है। इन सड़ी फसलों के अब लौटने की अब उम्मीद भी काफी कम है। किसानों का कहना है कि धान की फसल पर आफत आने के कारण पूरे वर्ष भर चावल के लिए दर्जनों किसानों को परेशान होना पड़ेगा। 17 जुलाई से शुरू हुई बरसात अगस्त के पहले पखवाड़े में भी कई दौर में हुई ,जिससे पटेहरी, छड़गडा, अयोध्या, डडिया, नेवढिया 42, पचेडा, धोबहट, सेमरिहा, टीकर, चांदी सहित विभिन्न गांवों के कछारी क्षेत्रों में रोपाई की गई धान की फसलों में लगातार बाढ़ का पानी चलने से फसले सड़ गई। तहसील प्रशासन ने नुकसान का सर्वे तो कराया लेकिन फसलों की नुकसानी की रिपोर्टिंग की कोई जानकारी नहीं है। घट सकता है धा...