धनबाद, जुलाई 24 -- धनबाद। बीते पांच साल में झारखंड में कोयला खनन के बाद 825.44 हेक्टेयर जमीन का इको रेस्टोरेशन किया गया। इको रेस्टोरेशन मतलब पारिस्थितकी तंत्र की पुर्नबहाली या खनन बाद क्षेत्र में हरियाली लाना कह सकते हैं। यह जानकारी कोयला मंत्रालय की ओर से रिपोर्ट में दी गई है। वैसे खनन बाद जमीन को उपयोगी बनाने में झारखंड की कंपनियां काफी पीछे हैं। इतनी ही अवधि में 3059.50 हेक्टेयर के साथ तेलंगाना पहले नंबर पर है। 1403.75 हेक्टेयर के साथ दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश और 1072.57 हेक्टेयर के साथ छत्तीसगढ़ भी झारखंड से बेहतर स्थिति में है। रिपोर्ट के अनुसार बीते पांच साल में देश में कोयला और लिग्नाइट कंपनियों ने खनन बाद 9156.60 हेक्टेयर जमीन में इको रेस्टोरेशन किया है। रिपोर्ट के अनुसार अब कोयला खनन के बाद जमीन यूं ही खाली नहीं छोड़ी जाएगी। विभि...
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