नई दिल्ली, जून 25 -- राजस्थान की राजनीति में कोटा एक समय तक कांग्रेस का अभेद्य गढ़ माना जाता था। पूर्व मंत्री शांति धारिवाल की मजबूत पकड़ और दशकों पुराना राजनीतिक अनुभव यहां पार्टी की सफलता की गारंटी माने जाते थे। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में जब कांग्रेस को कोटा में हार का सामना करना पड़ा, तब से ही यह सवाल उठने लगे कि क्या यह हार महज़ एक चुनावी चूक थी या फिर भीतर ही भीतर कोई बड़ी समस्या पनप रही थी? अब यही असंतोष खुलकर सतह पर आ गया है। कांग्रेस के कोटा जिला अध्यक्ष रवि त्यागी का हालिया बयान पार्टी में तूफान ला चुका है। एक सार्वजनिक सभा में त्यागी ने सीधे तौर पर पार्टी नेतृत्व और चुनावी रणनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि "हमने तो जीत की पूरी बाज़ी खेली थी, लेकिन नेतृत्व की कमजोरी से हम पीछे रह गए।" यह बयान न सिर्फ वायरल हो गया, बल्कि कांग्रे...
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