प्रयागराज, अगस्त 10 -- प्रयागराज, संवाददाता। इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन की ओर से रविवार को एएमए सभागार में वैज्ञानिक संगोष्ठी हुई। इस अवसर पर मुख्य वक्ता व ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. शशांक ओझा ने कहा कि कोक्लीयर इम्प्लांट एक ऐसा उपकरण है, जो उन लोगों के लिए मददगार साबित होता है जिन्हें सुनने में अधिक समस्या होती है। यह कान के क्षतिग्रस्त हिस्से को बाईपास कर काम करता है। इसे कान के अंदर प्रत्यारोपित किया जाता है। ऑपरेशन के बाद बाहरी उपकरण को कान के पीछे लगाया जाता है। यह उपकरण ध्वनि तरंगों को प्राप्त कर विद्युत संकेतों में परिवर्तित करता है, जो फिर आंतरिक उपकरण से श्रवण तंत्रिका को भेज दिया जाता है। कोक्लीयर इम्प्लांट कराने के बाद पुनर्वास जरूरी होता है। यह एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें ऑपरेशन और पुनर्वास दोनों शामिल है। लेकिन यह उन लोगों के लिए अधिक...