नई दिल्ली, फरवरी 23 -- पाकिस्तान का सबसे नया और सबसे महंगा एयरपोर्ट एक रहस्य की तरह है, जहां न तो कोई विमान है और न ही कोई यात्री। चीन द्वारा पूरी तरह से वित्तपोषित 24 करोड़ अमेरिकी डॉलर की लागत से बने नए ग्वादर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बारे में यह बता पाना मुश्किल है कि यह वाणिज्यिक उद्देश्य के लिए कब खुलेगा। अक्टूबर 2024 में बनकर तैयार हुआ यह हवाई अड्डा इसके आसपास के गरीब एवं अशांत दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत से बिल्कुल अलग है। चीन पिछले एक दशक से 'चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे' या सीपीईसी परियोजना के तहत बलूचिस्तान और ग्वादर में अरबों डॉलर का निवेश कर रहा है। यह परियोजना उसके पश्चिमी शिनजियांग प्रांत को अरब सागर से जोड़ती है। प्राधिकारियों ने इसे परिवर्तनकारी बताकर इसकी प्रशंसा की है, लेकिन ग्वादर में कोई खास बदलाव नजर नहीं आता।...