नई दिल्ली, जुलाई 3 -- भारत ने तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के उत्तराधिकारी के मुद्दे पर स्पष्ट और कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि इस मामले में केवल दलाई लामा ही निर्णय ले सकते हैं। भारत ने चीन की किसी भी दखलंदाजी को सिरे से खारिज करते हुए इसे तिब्बती बौद्ध परंपराओं का आंतरिक मामला बताया। भारत ने स्पष्ट किया कि तिब्बती आध्यात्मिक गुरु के उत्तराधिकारी को तय करने का अधिकार केवल और केवल दलाई लामा को है, न कि किसी और को। अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगले दलाई लामा पर निर्णय सिर्फ और सिर्फ स्थापित संस्था व दलाई लामा लेंगे। उन्होंने कहा कि इस फैसले में कोई और शामिल नहीं होगा। रिजिजू ने यहां संवाददाताओं से कहा कि दलाई लामा बौद्धों के लिए 'सर्वाधिक महत्वपूर्ण और परिभाषित संस्था' हैं। उन्होंने कहा, "...