लखनऊ, सितम्बर 10 -- नए बिजली कनेक्शन स्मार्ट प्रीपेड मीटर के साथ ही दिए जाने के आदेश पर सवाल खड़े हो गए हैं। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने कहा है कि विद्युत अधिनियम-2003 के मुताबिक प्रीपेड या पोस्टपेड मीटर चुनने का विकल्प उपभोक्ताओं का है। कंज्यूमर राइट्स रूल-2020 किसी भी सूरत में अधिनियम से बड़ा नहीं हो सकता है। ऐसे में यह आदेश उचित नहीं है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर रिवैंप डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) से लग रहे हैं। इनका पैसा उपभोक्ताओं से नहीं लिया जाना है। ऐसे में पावर कॉरपोरेशन को साफ करना चाहिए कि अगर नए कनेक्शन स्मार्ट प्रीपेड मीटर से दिए जाएंगे तो उनसे पैसा कैसे लिया जाएगा? इसके अलावा पावर कॉरपोरेशन अगर कंज्यूमर राइट रूल का हवाला दे रहा है तो इसी रूल में शहरी और ग्रामीण ...