मेरठ, जुलाई 7 -- चौधरी चरण सिंह विवि कैंपस में कॉपियों के मूल्यांकन से किनारा करने वाले परीक्षक प्रैक्टिकल नहीं ले सकेंगे। विवि ने ऐसे शिक्षकों को प्रैक्टिकल में नियुक्त नहीं करने का फैसला लिया है। जो शिक्षक कॉपियों का मूल्यांकन करेंगे, केवल वही प्रैक्टिकल कराने भी जाएंगे। विवि से संबद्ध कॉलेजों में अधिकांश शिक्षक कॉपियों के मूल्यांकन से ज्यादा प्रैक्टिकल को वरीयता देते हैं। बीएड, बीसीए और विज्ञान विषयों के प्रैक्टिकल में जाने के लिए शिक्षकों में मारामारी तक रहती है। विवि ने उक्त फैसला शिक्षकों के अभाव में एलएलबी और एलएलएम में कॉपियों का समय से मूल्यांकन पूरा नहीं होने पर लिया है। केंद्र पर एक लाख 71 हजार कॉपियों का मूल्यांकन होना था। नियमों के अनुसार एक परीक्षक अधिकतम आठ सौ कॉपियों की जांच कर सकता है। विशेष स्थिति में विवि ने परीक्षकों क...