नई दिल्ली, सितम्बर 30 -- हरियाणा कांग्रेस और भूपिंदर सिंह हुड्डा एक-दूसरे के पर्याय से बन गए हैं। हरियाणा में दो बार सीएम रहे भूपिंदर सिंह हुड्डा को 2014 में सत्ता गंवानी पड़ी थी। इसके बाद 2019 और 2024 में भी उनके नेतृत्व ने पार्टी ने हार झेली, लेकिन अब भी राज्य कांग्रेस में वही सर्वोपरि नेता नजर आते हैं। यही वजह है कि बीते साल अप्रत्याशित चुनावी हार झेलने के बाद कांग्रेस में लंबी रस्साकशी चली। कयास लगे कि अब भूपिंदर हुड्डा की बजाय किसी और को कमान मिल सकती है। लेकिन सारे दावे फेल रहे और अंत में भूपिंदर सिंह हुड्डा ही नेता विपक्ष चुने गए। इसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर जिन राव नरेंद्र सिंह को लाया गया है, वह भी उनके ही खेमे के हैं। हुड्डा खेमे की मांग थी कि विधानसभा नेता विपक्ष का पद उन्हें ही मिले। यह मांग तो पूरी ही हो गई। इसके अलाव...