सीवान, फरवरी 3 -- रघुनाथपुर, एक संवाददाता। सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता को लेकर अक्सर सवाल खड़े होते रहते हैं। लेकिन, मध्याह्न भोजन के लिए निर्धारित राशि पर कोई ध्यान ही नहीं देता। मध्याह्न भोजन को लेकर एक तरफ सरकार की सख्ती तो रहती ही है, दूसरी ओर इसमें कोई वित्तीय गड़बड़ी न हो इसके लिए भी शिक्षकों पर कड़ी नजर रखी जाती है। इतना ही नहीं सरकार यह सुनिश्चित करती है कि विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति के अनुसार ही मध्याह्न भोजन बनाया जाय। इसके साथ ही समय-समय पर बच्चों की थाली में फल-सब्जी व अंडा की उपलब्धता को लेकर जांच भी की जाती है। इसमें गड़बड़ी पाए जाने पर शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाती रही है। लेकिन, इन सबके बीच सरकार ने मध्याह्न भोजन के लिए जो बजट तैयार किया है, वह बजट बच्चों को पौष्टिक भोजन मिलने में अड़...
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