भभुआ, अक्टूबर 30 -- मिट्टी-गाद के जमने, जलकुंभी-बेहाया उगने, बालू की कमी से पानी का ठहराव रूका गर्मी में टूट जाती है कर्मनाशा, दुर्गावती, धर्मावती, कुकुरनहिया, सुवरा, कुदरा की धारा कैमूर से निकली व गुजरी नदियां नदी लंबाई गेहुअनवा 52 किमी. कुकुरनहिया 35 किमी. धर्मावती 80 किमी. दुर्गावती 75 किमी. कर्मनाशा 110 किमी. सुवरा 55 किमी. (बोले बिहार) भभुआ, कार्यालय संवाददाता। कैमूर की नदियां अब सदावाही नहीं रहीं। गर्मी आते-आते इसकी धारा टूट जाती है। इसकी वजह नदियों की गाद व मिट्टी की उड़ाही नहीं कराना, उगे बेहाया और जलकुंभी नहीं हटाना और बालू का दोहन होना है। नदियों में गाद को लेकर आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने गुरुवार को 'बोले बिहार' के लिए आयोजित संवाद में यह बातें यहां के लोगों ने कही। जल संरक्षण के लिए काम करनेवाले डॉ. विनोद कुमार मिश्र बताते ह...