मेरठ, मार्च 11 -- मेरठ, मुख्य संवाददाता मेरठ में हुए करोड़ों के फर्जी स्टांप घोटाले का बड़ा परिणाम अब यह हुआ है कि 10 हजार से 25 हजार के स्टांप पेपर अब चलन से बाहर हो जाएंगे। फर्जी स्टांप से सरकारी राजस्व के नुकसान पर रोक लग जाएगी। सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह प्रस्ताव पास हुआ कि 31 मार्च के बाद 10 हजार से 25 हजार रुपये तक के स्टांप पेपर का प्रयोग अवैध होगा। 31 मार्च 2025 तक यह वैध माना जाएगा। अधिकारियों का मानना है पिछले कुछ साल में मेरठ में फर्जी स्टांप के जो 997 मामले प्रकाश में आए तो उसमें इस तरह के स्टांप पेपर का प्रयोग किया गया था। अब भी स्टांप वेंडर और ट्रेजरी में इस तरह के स्टांप पेपर मौजूद हैं। मेरठ समेत प्रदेश के सभी ट्रेजरी में 5000 से 25 हजार तक के 5630.87 करोड़ के स्टांप पेपर म...